ख़ुशी एक व्यवस्था है जो हमें सकारात्मकता की ओर ले जाती  है। जब हम किसी चीज़ को महसूस करते हैं तो  वो एक ख़ुशी  का बोध करती है, चाहे चीज़ पैसा हो, प्यार हो, संस्कार हो, इज़्ज़त हो इत्यादि। हाँ, ख़ुशी  और हंसी को मैं एक सामान नहीं मनाता, क्योंकिContinue Reading